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Medical and Health Department: बजट का बड़ा खेल, अधिकारी और ठेकेदारों की सांठ गांठ

Medical and Health Department

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लखनऊ । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में बड़ी लापरवाही साफ नजर आ रही। जहां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सुचारू रूप से चलाने के लिए समय-समय पर बजट पास होता है जो कि उत्तर प्रदेश के हर जिले में कार्य हेतु प्रदान किया जाता है। वहीं बजट के नाम पर कुछ आला अधिकारी अपने मनचाहे ठेकेदारों को टेंडर देकर मनचाही वसूली करते हुए नजर आ रहे हैं।


चुनिंदा ठेकेदारों को पहुंचाया जाता है फायदा

बजट पास होने की आस लगाए सभी व्यापारी/ठेकेदार अपने बिल पास होने का इंतज़ार करते हैं। लेकिन कुछ चुनिंदा लोग जो अधिकारियों की खास कृपा दृष्टि में हैं उन में से कुछ चुनिंदा ठेकेदारों से अग्रिम पेंडिंग बिल भी मंगवाए गए हैं। पूछने पर मालूम होता है कि ईमेल द्वारा कुछ लोगों को ही सूचना जारी की गई थी कि पेमेंट लेने के लिए अपने बिलों को जमा कर दें। यह भी मालूम पड़ता है कि यह चिट्ठी 23 मार्च के आसपास जारी होती है और अंतिम तारीख 26 मार्च दी जाती है।


मनचाहे लोगों को फायदा देने के लिए दिया जाता है
सीधा प्रश्न यह बनता है कि क्यों सभी जिलों में यह चिट्ठी नहीं जारी की गई। यह EO कैसे और किसने जारी किया और किसके कहने पर यह पूरा कार्य हुआ। कहने को तो बजट चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिया जाता है। लेकिन यहां बजट अपने मनचाहे लोगों को फायदा देने के लिए दिया जाता है। जहां बजट के नाम पर बड़ी धांधलेबाजी हो रही है और कागजों पर सिर्फ कागजी कार्रवाई होते हुए दिखाई दे रही है।


बंदरबाट का खुला खेल
इसी तरह से स्वास्थ्य महकमा जनता के पैसों का चूना लगाकर अपने मनचाहे ठेकेदारों को मलाई खिलाता रहेगा बस देखना यह होगा कि आखिर खबर चलने के बाद अधिकारी जागरूक होते हैं कि नहीं। यह इसी तरह बंदरबाट का खेल चलता रहेगा और अपने मनचाहे ठेकेदारों को टेंडर देकर बिल पास करता रहेगा। वहीं कुछ लोगों से तो पेंडिंग करवा कर के भी अग्रिम बिल मंगवाया गया है।


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